शेयरों में निवेश करने का 7 लाभ
शेयर बाजार पूरी तरह सुरक्षित है
पहले लोग शेयर बाजार को सट्टा बाजार समझकर उससे किनारा कर लेते थे। इसलिए यदि आप शेयरों में विशलेषण कर पैसा लगायेंगे तो यह निवेश कहलायेगा और यदि सुनी सुनाई बातो के आधार पर, तुक्को पर शेयरों की खरीद -फरोख्त करेंगे तो यह सट्टेबाजी कहलायेगा। आपका नजरिया निवेशक का होना चाहिए न की सट्टेबाज का क्योंकि सट्टेबाज हमेशा इस ताक में रहता है कि वे शेयरों के दामो में होनेवाले उतार चड़ाव पर अल्पकालिक मुनाफ़ा कमा ले।
शेयरों में लगाया पैसा सुरक्षित है
अक्सर लोग शेयर बाजार में निवेश इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि यहाँ पैसा सुरक्षित नहीं है। लेकिन ये धारणा बिलकूल गलत है। यहाँ आपकी पूँजी उतनी ही सुरक्षित है जितनी निवेश के बाकी माध्यमो में। बस उसके लिए आपको कुछ नियमो का पालन करना होता है। आप दीर्घकालीन निवेश योजना की सहायता से बाजार में अस्थायी उतार चड़ाव से निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं। इसलिए ये कहना की शेयर बाजार और शेयरों में लगाया पैसा असुरक्षित होता है, बिलकूल बेबुन्याद तथ्य है।
कम पूँजी के साथ भी ले सकते हैं प्रवेश
शेयरों में कम पूँजी लगाकर भी निवेश किया जा सकता है| आप चाहे तो किसी कम्पनी का एक शेयर भी खरीद सकते हैं।
शेयरों में निवेश से मिलती है विविधता
शेयरों में विविधता का लाभ मिलता है। आप अपने निवेश को विभिन्न क्षेत्रों में काम करनेवाली अलग अलग कम्पनियों में बात सकते हैं। आप पूरा निवेश किसी एक शेत्र में करने की बजाए अपनी पूँजी विभिन्न शेत्रो में बातकर जोखिम को कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपने पावर , इन्फ्रास्ट्रक्चर, फार्मा, रसायन, केपिटल गुड्स, टेक्सटाइल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पूँजी को बांटकर निवेश किया है तो यदि आज टेक्सटाइल में तेजी नहीं है और पावर सेक्टर में तेजी है तो एक जगह से मिला फायेदा आपके नुकसान की भरपाई कर देगा।
लाभांश की आमदनी
यदि आप शेयर होल्ड करके रखते हैं तो आपको लाभांश के रूप में आय भी होती है। कम्पनी अपने वार्षिक मुनाफे का कुछ भाग लाभांश के रूप में शेयरधारको को बांटती है। उदाहरण के लिए मान लीजिये की आपके पास एन .टी .पि.सी के 100 शेयर हैं और उस शेयर की फेस value 10 रूपये है। अब अगर कम्पनी 20 प्रतिशत या 2 रूपये प्रति शेयर लाभांश की घोषणा करती है तो आपको उन 100 शेयरों पर 200 रूपये मिलेंगे
मूलधन में वर्धि
यदि आपने शेयरों में पैसा लगाया है तो आपका पैसा शेयरों के भाव में वृद्धि के साथ साथ बढता जाएगा और उसके साथ निवेशक को कम्पनी के वार्षिक मुनाफे का कुछ भाग लाभांश के रूप में मिलता रहेगा। ये बात सही है कि शेयर मार्किट सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला विकल्प है लेकिन सबसे ज्यादा जोखिम भी यहीं हैं। असल में जोखिम केवल उन्ही लोगो के लिए होता है जो शेयर बाजार की पूरी जानकारी हासिल किये बिना ही शेयरों में पैसा लगाते हैं। शेयर बाजार में अच्छा पैसा केवल वाही लोग बना सकते हैं जो शेयर बाजार को समझकर और शेयर का विशलेषण करकर पैसा लगाते हैं। इसलिए शेयरों में निवेश करने से पहले शेयर बाजार के विज्ञान को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। वैसे अगर आपको अपने मूलधन में वर्धि करनी है तो अच्छी fundamental वाली कम्पनी के शेयरों में लम्बी अवधि को ध्यान में रखकर निवेश करेंगे तो इसका सकारात्मक परिणाम मिलना तय है। इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है किसी व्यक्ति ने वर्ष 1997 में reliance industries के आईपीओ में 1000 रूपये निवेश किये थे तो उसकी कीमत वर्ष 2010 तक लगभग 134000 रूपये हो गयी तथा इस दोरान व्यक्ति को 40000 रूपये लाभांश के रूप में भी मिले होंगे।
सम्भालना सबसे सरल
जहां सोने चांदी आदि को सुरक्षित रखना पड़ता है तथा प्रापर्टी आदि पर टेक्स व अतिकर्मन जैसी समस्याओं से झूझना पढ़ना है वहीँ शेयर को सम्भालना बहुत सरल है। demat अकाउंट में आपके शेयर इलेक्ट्रोनिक फ़ार्म में एकदम सुरक्षित रहतें हैं। इसलिए इनके चोरी, नष्ट होने या खो जाने का खतरा बिलकूल नहीं है। लेकिन ये बात जरूर है कि शेयरों को सम्भालने में आपको कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे ब्रोकर से कांट्रेक्ट नोट लेना, अपनी डी.पी स्लिप सम्भालकर रखना, लाभांश का हिसाब रखना, कम्पनियों के नतीजो से अवगत रहना, ताकि आप सही समय पर शेयरों को खरीदने व बेचने का निर्णय ले पाए।
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